
भविष्य सुरक्षित रखने पर्यावरण संरक्षण का आव्हान- बधराम कश्यप
जन आवाज़ न्यूज़ लाइव जिला बस्तर
रिपोर्टर- सोमारु नाग/91118-27855
दरभा-
विकास खंड दरभा की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के व्याख्याता बुधराम कश्यप विश्व पर बढ़ती पर्यावरण संतुलन को ध्यान रखते हुए लोगों से आह्वान करते हुए कहते हैं कि पर्यावरण प्रदूषण दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। यह हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश-विदेश तथा संपूर्ण विश्व में प्रदूषण की ज्वलंत समस्या है। पर्यावरण शब्द विन्यास की दृष्टि से दो शब्दों परि +आवरण से मिलकर बना है। जिसका अर्थ परि यानी चारों तरफ और आवरण यानी घेरा। प्रकृति में जो तत्व हमारे चारों तरफ परिलक्षित होते हैं, इन्हीं से पर्यावरण की रचना होती है। पर्यावरण उन सभी प्राकृतिक संसाधनों का नाम हैं, जिसे धरती माता ने वरदान के रूप में हमें दिए हैं। ये संसाधन हैं -जल – जमीन, वायु, वनस्पति, वन और वन्य जीव – जंतुओं हमें दृष्टिगोचर होते हैं, और किसी न किसी रूप में हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन किया जाता है। इस पर्यावरण दिवस को साकार करने तथा पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए हमें मिलकर अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए। प्रत्येक घर, शासकीय भवनों, सामाजिक संस्थानों के चारों ओर अधिक से अधिक पौधरोपण का कार्य करना चाहिए। स्कूल कॉलेजों में पर्यावरण सुधार हेतु बच्चों में समझ विकसित करने हेतु हर संभव प्रयास इसके लिए कार्य करनी चाहिए। युवा शक्ति को आगे आना चाहिए। सर्व समाज को इस ओर ध्यान देकर इसके लिए कार्य करना चाहिए। महिला समूह को प्रेरित करना चाहिए। कारखानों की चिमनियों में धुआं रहित फिल्टर लगाना चाहिए। चारों ओर शुद्ध वातावरण का निर्माण करना चाहिए। जिससे शुद्ध वायु, जल और शुद्ध भोजन मिल सकेगा। तभी हम स्वच्छ छग, स्वस्थ भारत, सुंदर छग,सुंदर भारत की परिकल्पना कर सकते हैं। पर्यावरण को स्वच्छ रखना आवश्यक है, एक सुंदर भविष्य के लिए ना सिर्फ आज के संदर्भ में बल्कि आने वाली भावी पीढ़ी के लिए, युगों युगों के लिए।