
मुरिया समाज बस्तर ब्लॉक युवा प्रभाग कार्यकरणी गठन रामचंद्र बघेल अध्यक्ष पदम नाथ कश्यप बने सचिव
जगदलपुर :- बस्तर ब्लॉक मांझी पारा में मुरिया समाज की बैठक हुई। मुरिया समाज बस्तर ब्लॉक कार्यकारणी गठन किया जिसमें अध्यक्ष रामचंद्र बघेल बस्तर, उपाध्यक्ष श्याम सुंदर घाट कव्वाली, कार्तिक बघेल नदीसागर , रमेश बघेल रोतमा , मुन्ना कश्यप भोंड, विनेश सूर्यवंशी करलाकोंटा, अमृत कश्यप भाटपाल, खतखुडि कष्यप बस्तर , बुधु मौर्य बोदरा , रुकमणी कश्यप बोदनपाल, बैसाखू मौर्य लामकेर , फूलसिंह बघेल घाटलोहंगा । सचिव :- पदम् नाथ कश्यप , सह सचिव कल्याण बघेल बड़े चकवा, नमिता बघेल बस्तर ,कोषाध्यक्ष चैतन बघेल बड़े चकवा, मीडिया प्रभारी योगेश बघेल चोकर , ब्लाक कार्यकारिणी हीरूराम कश्यप पराली , चिंतामणि बघेल बोड़नपाल , भादू कश्यप भोंड, संदीप बघेल बस्तर , विवेक कश्यप बस्तर , शंकर मौर्य तेतरगुड़ा , सुभाष मौर्य चोकर , चेतन कश्यप घाट कव्वाली , मैतर कव्वाली , अजय मौर्य महुपाल बरई, नरसिंह कश्यप बड़े चकवा, शंकर मौर्य, बस्तर, राजेंद्र मौर्य महुपाल, वीर सिंह बघेल नदीसागर , शंभूनाथ मौर्य भोंड को शामिल किया है। जिसमें जन्म संस्कार, विवाह और अंतिम संस्कार की रस्तों पर चर्चा की गई। समाज ने विभिन्न संस्कारों में होने वाले खर्च और कुरीतियों को दूर करने पर विचार किया। इस दौरान सामाजिक कार्यों के नाम पर होने वाले व्यर्थ खर्च न करने का निर्णय लिया गया। दिवाकर कश्यप समाज ने ये भी निर्णय लिया कि व्याप्त कुरीतियों को बदलकर पारंपरिक रूढ़ीवादी प्रथा, रीति-रिवाज के अनुसार सामाजिक कार्य किए जाएं। इसके बाद जन्म संस्कार में तीन दिन के बाद कशा रस्म होती है, जिसके 9 दिन के बाद छठी मनाई जाती है। विवाह संस्कार पर रामनाथ कश्यप ने बताया कि पारंपरिक रूप से पुजारी रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न करवाएंगे । शादी-विवाह में टीका के दौरान अनावश्यक रूप से कपड़े और बर्तन देने की प्रथा भी बंद करने का निर्णय लिया गया है।मृत्यु संस्कार में मृत्यु के बाद सगे-संबंधियों को कपड़े दिए जाते हैं, जिसे अब कपड़े की जगह रूपए दिए जाने चाहिए । मुरिया समाज में शादी-विवाह कार्यक्रम में बैण्ड बाजा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। पारंपरिक बाजा-मोहरी, बाजा (गोची बाजा) से ही विवाह करना है। समाज के नियम तोड़ने पर अर्थदण्ड स्वरूप 50000/- (पचास हजार) रूपयें देना होगा । शादी-विवाह कार्यक्रम में कपड़ा वितरण करना पूर्णरूप से प्रतिबंधित है। समाज के नियम तोडने पर अर्थदण्ड स्वरूप 50000/- (पचास हजार) रूपयें देना होगा। टिकान में परिवार के सदस्य ही आवश्यक अनुसार सामान देंगें। समाज, सगा व अन्य व्यक्ति बर्तन व अन्य सामान नही ठिकेगें। उसके स्थान पर स्वेच्छा से पैसा ठिकेगें। जो व्यक्ति समाज के नियम तोडेगा, उसे अर्थदण्ड स्वरूप 15000/- (पन्द्रह हजार) रूपयें देना होगा । शादी-विवाह कार्यक्रम में परिवार वाले शराब व दारू वितरण करते है, तो समाज को अर्थदण्ड के रूप में 20000/- (बीस हजार) रूपये देना होगा। रीति-नीति अनुसार पूजा-पाठ एवं सामाजिक कार्य हेतु महुआ रस दारू उपलब्ध रहेगा । तथा कोई व्यक्ति विवाह, नाहनी कार्यक्रम में नशा / दारू सेवन कर कार्यक्रम में अड़चन / बाधा उत्पन्न करता है, तो उसे समाज को अर्थदण्ड के रूप में 1000/- (एक हजार) रूपये देना होगा। सामाजिक नियमानुसार शराब व दारू वितरण व सेवन कार्यक्रम में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। शादी-विवाह कार्यक्रम में परिवार अपने पसंद अनुसार भोजन मांसाहारी व शाकाहारी का प्रबंध कर सकता है।इस दौरान रामनाथ कश्यप , बलदेव मौर्य, शिवराम मौर्य, शत्रुघन कश्यप , पाकलू कश्यप , लखेस्वर कष्यप , पूरन सिंह कश्यप , अनंत कश्यप, लक्ष्मण कश्यप , लेदु कश्यप , गोर्वधन कश्यप आदि उपस्थित थे।