
छत्तीसगढ़ के 46660 आंगनबाड़ी और 5814 आंगनबाड़ी मिनी केन्द्रो मे विगत30दिनों से ताला बंद
रायपुर :-प्रदेश की एक लाख बहु, बेटी,विधवा परित्यक्ता.तलाकसुदा.गरीबी रेखा से नीचे समाज के सबसे कमजोर वर्ग की महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिका आंदोलन में सड़को पर विगत30दिनों से बैठी हुई है ।
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से जीने लायक वेतन की मांग को लेकर.छत्तीसगढ़ सरकार से चुनावी वायदा पूरा कराने के साथ ही साथ अन्य 6 सूत्रीय मांगो को लेकर।
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिका संयुक्त मंच छत्तीसगढ़ के प्रान्तीय संयोजक मण्डल सदस्य सरिता पाठक रायपुर,रूक्मणी सज्जन बस्तर, हेमा भारतीअभनपुर,गजेन्द्र झा , संतोषी वर्मा राजनांदगांव,पिंकी ठाकुर खैरागढ़,कल्पना चंद पखाजूर,पार्वती यादव कबीरधाम, सुचिता मानिकपुरी कटघोरा द्वारा संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर यह दावा किया गया है, कि शासन की हटधर्मिता के चलते आज महिला बाल विकास विभाग का सभी कार्य 23 जनवरी से ठप्प है .सभी आंगनबाड़ी केन्द्रो मे ताला लटका है .शासन द्वारा वार्त्ता को तैय्यार नही है बल्की दमन की कार्यवाही करते हुये 48 घन्टे के अन्दर काम मे वापसी का 13 जनवरी को ही दमन कारी आदेश निकाल कर शान्तिपूर्ण तरीके से चल रहे आन्दोलन को कुचलना चाहती है .लेकिन इसका कोई असर नही होने वाला है.सरकार के इस रवैय्ये से पूरे प्रदेश भर मे हितग्राहियो को गरम भोजन.रेडी टू इट.कुपोषण अभियान.मतदाता सूची का पूनरीक्षण .टीका करण जैसे दर्जनो कार्य प्रभावित है, जिसका जिम्मेदार सरकार हैक्योंकि हमने इन सभी को पूर्व में ही सूचना दी थी।संघ चाहता है कि मांगो की पूर्ति वार्त्ता के माध्यम से हो लेकिन सरकार कुभ करणीय नीद मे सोई हुई है।
कल दिनांक 23 फरवरी को प्रदेश के सभी पण्डालो मे राज्य सरकार को कुंभ करण के रूप मे प्रस्तुत किया जायेगा और उसको जगाने के लिये जो जो तरीका अपनाया जाता है वह अपनाया जायेगा ढोल नगाड़ो के शोर दीन भर करते हुये नींद से जगाने का जोर दार प्रदर्शन किया जायेगा।
इनके द्वारा यह भी कहा गया कि सरकार हमसे वार्त्ता करे अन्यथा हड़ताल को और तेज किया जायेगा.चक्का जाम जेल भरो और विधान सभा. मंत्रालय घेरने की भी योजना बनाई जायेगी।