
cac खेल निराला, बिना शाला प्रबंध समिति के सहमति निकाल रहे सालो से पैसे* *लंबे समय से चलता रहा खेल संबंधित विभाग पर उठ रहे प्रश्नचिन्ह
*cac खेल निराला, बिना शाला प्रबंध समिति के सहमति निकाल रहे सालो से पैसे*
*लंबे समय से चलता रहा खेल संबंधित विभाग पर उठ रहे प्रश्नचिन्ह
कोन्टा विकास खण्ड के अधिकांश ca.c. अपने मूल पदांकित शाला में अध्यापन का कार्य अपने मूल शाला में कई सालो से नही कराते है और राज्य शासन समग्र शिक्षा रायपुर के पत्र कुमाक १४६४ दिनांक 12 ‘ १.२०२१ के उक्त पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि गया कि संकुल समन्वयक अपने काल खण्ड के अतिरिक्त संकुल के कार्य संपादित करेगे परन्तु विकासखण्ड कोण्टा में तो इसके विपरित ही कार्य जारी है । कोन्टा विकासखण्ड के अधिकांश CAC तो अपने शाला के उपस्थित पंजी में नाम तो है परंतु उपस्थिति में हस्ताक्षर नही है ।आश्चर्य जनक बात यह है कि उनके पेडाटा में बिना सरपंच के हस्ताक्षर के एवं शाला प्रबंध समिति के सहमति के बगैर उनका वेतन कई सालों से आहरण होता हुआ आ रहा है इन सब में गौर करनी योग्य बात यहा है कि यदि ग्राम सभा के प्रस्ताव एवं शाला प्रबंधन समिति के बैगर अनुमोदन के पेडाटा शाला से विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यलय जाता है तो CAC का वेतन इतने सालो से किस लेहाज से अहरण होता है । इन सभी घटनाक्रम में संकुल प्राचार्य कि भूमिका भी संदेह के घेरे में है
आपको बता दे कि कई CAC तो अपने मुल संकल के नही समग्र शिक्षा के पत्र में उल्लेख स्पष्ट है कि CAC उसी संकल के होने चाहिये परन्तु कोन्टा विकास खण्ड के अधिकांश CAC दूसरे संकल में कार्यरत है तो उन्हे किस प्रकार से दूसरे संकुल में क्यों CA.C बनाना पड़ा है ये सब अपने रिस्तेदारो की पहुच के चलते जोड़ तोड़ कर CAC बना दिया गया है । जब की उक्त पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि CAC के लिये मा . शाला . के प्रधान अध्यापक या शिक्षक L B. को और उक्त वारिष्ठा क्रम के आधार पर ही नियुक्ति की जानी है।